Uljhan
सभी चाहते हैं मेरा एक हिस्सा उनके लिये, में कब पाऊँ कुछ अपने लिये जीवन है मेरा, किंतु महत्व किसी और का विचार हैं मेरे, परंतु आचार किसी और सा तस्वीर बनाना चाहूँ तो मन के रंग न भर पाऊँ गीत गाना चाहूँ, तो अपनी धुन न रच पाऊँ कैद हूँ मैं, जैसे एक अदृश्य …